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Thursday, June 16, 2011

तेरी किस्मत

ऐसे क्या तू देखता है, कुएं तेरी किस्मत में है
कोसता किसको है क्या, संघर्ष तेरी किस्मत में है

मंजिल तेरी है चाँद पर, चलना तुझे धरती से है
ना मांग फूलो की सेज, कांटें तेरी किस्मत में है

पंख की तू चाह ना कर, बुलंद कर अपने आप को
भूल जा राहों को गिनना, भटकन तेरी किस्मत में है

आत्मविश्वास की इस डोर में, ना डाल कोई गांठें कभी
उठने की तू आदत बना ले, गिरना तेरी किस्मत में है

चुपचाप यूं ना बैठ तू, दिल की उम्मीदे हार कर
मिलकर तुझको रहेगा, जो भी तेरी किस्मत में है

छोड़ दे आदत पुरानी, हर चीज को ही लपकने की
रख तू अभी पेट खाली, धक्के खाना तेरी किस्मत में है

रुकने का तू नाम ना ले, बस चलता ही चल 'विभोर'
एक बात तू समझ ले, बदकिस्मती तेरी किस्मत मैं है।

-विभोर गुप्ता

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