कल शाम मेरी गली में सफ़ेद पोशाकी लोग आये थे
अंग्रेजी शराब के पव्वें और ठर्रें अपने साथ लाये थे
सारी रात मेरे मोहल्लें में दिवाली सा माहौल था
न पीने वालो का उनकी नज़रों में ना कोई मोल था
विकास के वादें, लाल-कडवे पानी में घुले जा रहे थे
चुनावी चिन्ह भी शराबी वोटरों को मिले जा रहे थे
लगता है, बुद्धिजीवी घर में बैठे-बैठे बात बनायेंगे
और अध्धें-पव्वों में तुलने वाले ही सरकार बनायेगे.....विभोर गुप्ता
No comments:
Post a Comment