नमस्कार...


मैं विभोर गुप्ता आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ | इस ब्लॉग पर आपको मेरी काव्य रचनाओं का संग्रह मिलेगा |
मेरी वेबसाइट पर जाने के लिए क्लिक करे www.vibhorgupta.webs.com

अगर आपको मेरा ब्लॉग अच्छा लगा तो आप इसे follower पर क्लिक कर follow कर सकते है | मैं आपका सदैव आभारी रहूँगा |

धन्यवाद |

Wednesday, September 28, 2011

माँ भवानी अवतार धरो-

यह रचना अति स्नेहदाता अग्रज दीपक सिंघल को समर्पित है. मैं बचपन से ही उनके अति दुलार और अत्यधिक सहयोग की छाँव में पला हूँ. माँ दुर्गा उन्हें धन, वैभव, ऐश्वर्य, और सुख प्रदान करे|


देवों की पावन भूमि देवियों से खाली हुई,
         भारत के संकट हरने माँ भवानी अवतार धरो
धर्म, निष्ठा के सामने आसुरी शक्तियां प्रबल  हुई,
         निशाचरों  के विनाश को माँ वाणी में ललकार भरो
अष्ट भुजाओं वाली, दुर्गे माँ  शेरावाली,
         कर अपने त्रिशूल, गदा, तीर, चक्र, तलवार धरो
भ्रष्ट, दुष्ट, पापी, माँ का दूध जो लजाते रहे,
         मुंडी उखाड़ ऐसे दुष्टों का अब संहार करो.

सूरज की किरणों को अँधियारा है निगल रहा,
         माँ दुर्गे अपने तेज से अंधियारे पर प्रहार करो
कन्या रुपी देवियों को कोख में जो मारते है,
         ऐसे पापियों को दण्डित कर, जग पर उपकार करो
विश्व को दो सद्ज्ञान, नारी का करे सम्मान,
          जन-जन का कल्याण कर, देश के दूर विकार करो
मेरे अँधेरे जीवन में भी ज्ञान की ज्योति जलाओ,

          आशीष बरसा माँ ब्रह्मानी मेरा भी उद्धार करो.
-विभोर गुप्ता 

No comments:

Post a Comment