कहीं हल्ला होगा, कहीं पर शोर होगा
कहीं पुतले जलेंगे, कहीं नारों का जोर होगा
कोई सरकार को दोष देगा
तो कोई महंगाई को कोसेगा
कोई आज बाईक से नही, बस से जायेगा
तो कोई आज एक रोटी कम खायेगा
पर दो-चार दिन में जिन्दगी वहीँ पर आ जायेगी
पेट्रोल की बढ़ी कीमत कहीं एडजस्ट हो ही जाएगी.
-विभोर गुप्ता
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