क़र्ज़ तूने चुकाया था अपनी माँ के दूध का,
पर तेरी शहादत का क़र्ज़ ना चुकेगा कभी
तेरी मजार पर भले ही ना चिराग जलते हो,
पर तेरी कुर्बानी का दीप ना बुझेगा कभी
क्रांति की जो मशाल जलाई थी तूने भगत,
उस मशाल के आगे अँधियारा ना रूकेगा कभी
भले ही सिंहासन पर तेरा वंश ना हो कोई,
पर इतिहास तेरे शौर्य को ना भूलेगा कभी.
-विभोर गुप्ता