उत्तराखंड में हफ्ते भर की बैठकों का दौर बंद हो गया
सत्ता-सिंहासन पर परिवारवाद फिर से बुलंद हो गया
कृमठ जनसेवक एक बार फिर लाचार दिखने लगे
और सड़कछाप दल-बदलू कुर्सियों में बिकने लगे
निर्दलियों की खरीद फरोख्त में बीजेपी कमजोर पड़ गयी
निशंक की चालबाजी खंडूरी की हार बन गयी
बसपा भी बहती गंगा में अपना हाथी धोने लगी
कांगेस की बनती सरकार देख भाजपा रोने लगी
हरीश रावत भी नाराज, मुझे सी एम क्यों नहीं चुना
हाईकमान से लगी मुहर ऐसा क्या किये बहुगुणा
किन्तु साहब सिंहासन पर तो उन लोगों का ही जोर है
जिनका बस दस जनपथ की हवेली में ही शोर है.......विभोर गुप्ता
Khanduri, Nishank ki chalbaji se nahi balki apne karmo se hare hain.
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