26 नवम्बर 2008 में मुंबई में आतंकी हमले के बाद भी भारतीय प्रधानमंत्री के खून गरम नहीं होने पर मैंने एक छंद लिखा था| आज तीन साल बाद उसे आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ|
सरदारनी ने जन्म दिया, सरदारनी का दूध पिया,
......................सरदारनी के आँचल की छाँव तुम पले हो
पगड़ी बाँध बन जट, सिंह उपनाम रख,
.....................गुरु गोविन्द के अनुयायियों का वेश तुम ढले हो
आन-बान-शान पर जान को लुटाने वाले
....................सिक्खों का इतिहास भूल किस हाथ तुम छले हो
कैसा ये तुम्हारा राज, कहाँ है कृपाण आज,
...................शौर्य को ठुकराकर कायरता की किस राह तुम चले हो |
-विभोर गुप्ता
सरदारनी ने जन्म दिया, सरदारनी का दूध पिया,
......................सरदारनी के आँचल की छाँव तुम पले हो
पगड़ी बाँध बन जट, सिंह उपनाम रख,
.....................गुरु गोविन्द के अनुयायियों का वेश तुम ढले हो
आन-बान-शान पर जान को लुटाने वाले
....................सिक्खों का इतिहास भूल किस हाथ तुम छले हो
कैसा ये तुम्हारा राज, कहाँ है कृपाण आज,
...................शौर्य को ठुकराकर कायरता की किस राह तुम चले हो |
-विभोर गुप्ता
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