नमस्कार...


मैं विभोर गुप्ता आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ | इस ब्लॉग पर आपको मेरी काव्य रचनाओं का संग्रह मिलेगा |
मेरी वेबसाइट पर जाने के लिए क्लिक करे www.vibhorgupta.webs.com

अगर आपको मेरा ब्लॉग अच्छा लगा तो आप इसे follower पर क्लिक कर follow कर सकते है | मैं आपका सदैव आभारी रहूँगा |

धन्यवाद |

Saturday, February 25, 2012

शराबी वोटर-

कल शाम मेरी गली में सफ़ेद पोशाकी लोग आये थे
अंग्रेजी शराब के पव्वें और ठर्रें अपने साथ लाये थे
सारी रात मेरे मोहल्लें में दिवाली सा माहौल था
न पीने वालो का उनकी नज़रों में ना कोई मोल था
विकास के वादें, लाल-कडवे पानी में घुले जा रहे थे
चुनावी चिन्ह भी शराबी वोटरों को मिले जा रहे थे 
लगता है, बुद्धिजीवी घर में बैठे-बैठे बात बनायेंगे
और अध्धें-पव्वों में तुलने वाले ही सरकार बनायेगे.....विभोर गुप्ता

Monday, February 20, 2012

यूपी के अखाड़े में-


उत्तर-प्रदेश के चुनावी मैदान से दो छंद आपके सम्मुख प्रस्तुत करता हूँ, आशा करता हूँ कि आपको पसंद आये-

यूपी के अखाड़े में, भैया अजब-गजब है खेल
गुंडे, तस्कर, माफियाओं का, खादी वालो से मेल
खादी वालो से मेल, चुनावी टिकट तक पा गये
उठाईगिरे सड़कछाप जेबकतरे तक राजनीति में आ गये
चुनावी पव्वा चढ़ा के आया "विभोर" इस जाड़े में
संविधान भी हैरान, क्या हो रहा  यूपी के अखाड़े में|

चुनावी रैली में बोले चचा, अब हम सत्ता में आयेंगे
ज्यों सत्ता में आयेंगे, तुमको आरक्षण दिलवाएंगे 
तुमको आरक्षण दिलवाएंगे, आयोग ने लगे फटकार
चचा ने अकड़ दिखाई तो लगाईं राष्ट्रपति से गुहार
आरक्षण भले ना मिले, शर्बत तो मिल ही गया थैली में
अब बेनी प्रसाद भी दोहराए, वही बात चुनावी रैली में|
-विभोर गुप्ता 

Friday, February 17, 2012

"यूपी में चुनावी जंग देखिये"-

उत्तर-प्रदेश की राजनीति पर आधारित मेरी चर्चित कविता जो कई समाचार पत्र एवं पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है| आप लोगो के समक्ष प्रस्तुत है| आपके सुभाशीष एवं स्नेह को आतुर-

उत्तर प्रेदश में सियासी योद्धाओं की चुनावी जंग देखिये
ऐसे-ऐसे दांव-पेंच कि अपनी-अपनी आँखें दंग देखिये 
"शाम की दवा" पूछने को "छोटे यादवजी" का ढंग देखिये
गिरगिटों की तरह बदलते बागियों के बागी रंग देखिये

घर-घर खाना खाने को "युवराज" के मन की उमंग देखिये
निर्बलों से वोट मांगने को हाथ जोड़ते दबंग देखिये
पापियों के पाप ढोते भागीरथी में उठती तरंग देखिये
दागियों से हाथ मिलाने को एक दल को बनते गंग देखिये

बहरे को बजाते, गूंगे को गाते, ठुमके लगते लंग देखिये
अंधा देख हाल सुनाते, टकसाल लुटाते हुए नंग देखिये
"बहनजी" की मूर्तियाँ ढकने को चुनाव आयोग का अडंग देखिये
टिकटों की होड़ में अपनों से ही अपनों को होते तंग देखिये

वोट गणित बिगड़ देख हाईकमान के फड़कते अंग देखिये
"चौधरी" से डोर काट "अनुराधा" की उडती हुई पतंग देखिये
न्यारा दल बना बागी और दागियों को एक दूजे के संग देखिये
शब्दबाण, खींचतान में एक दूसरे की खिंचती टंग देखिये

यूपी के अखाड़ों में कुंवारें पहलवानों की सियासी दंग देखिये
बोतलों के जोर, ढोल नगाड़ों के शोर में मचता हुडदंग देखिये
चुनावी मौसम में एक दूजे की केंचुली बदलते भुजंग देखिये
कहाँ से निकला कौन कहाँ है जा रहा ऐसी सुरंग देखिये

बकरी से मिमियाने से सिंहों की नींदें होती भंग देखिये
गांधी जी के बंदरों के एक दूजे पर कसते व्यंग्य देखिये
"बटला हाउस मुठभेड़" के मुद्दें उछालते प्रसंग देखिये
राजनीति की नीतियों में संविधान को बनते अपंग देखिये....-विभोर गुप्ता, मेरठ

Tuesday, February 14, 2012

वेलेंटाइन डे पर विशेष-


मित्रों, आज प्रीत चौदस है, मैं नही जानता ये दिन भारतीय संस्कृति को नुकसान पहुंचता है कि फायदा, किन्तु अपने आस-पास वालों को देख कर कुछ पंक्तिया लिखी है| अगर पसंद आये तो आपका आशीर्वाद चाहता हूँ|

गगन में भटकते पंछियों को बस दाना चाहिए
खुशबू से महकती पुरवा और मौसम सुहाना चाहिए
संस्कृति टूटती है तो लाख टूटे, इन्हें कोई फ़िक्र नहीं
भौरों को तितलियों से मिलने का बस कोई बहाना चाहिए

प्रेम कभी राधा-कृष्ण तो कभी मीरा के दिल में समाया है
कभी हीर-रांझा तो कभी लैला-मजनूं की दास्ताँ कहलाया है
पहरे कितने भी लगा लो इन पर, जंजीरें कम पड़ जाएगी
भला प्यार के परिंदों को कोई पिंजरें में कैद कर पाया है

जब किसी कुमारी से मेरे दिल का नहीं पाला था
तब मैं भी भारतीय संस्कृति का रखवाला था
आज मेरा मन भी किसी के सपने सजाने लगा
इसलिए आज मुझे वेलेंटाइन डे में प्रेम नजर आने लगा

-विभोर गुप्ता

Thursday, February 9, 2012

कर्नाटक विधानसभा भी शर्मसार-

भरते थे दम जो संस्कृति को बचाने का,
उनके आचरण से भूमि आज धिक्कार हो गयी
लेते है शपथ, संविधान का गौरव बचाने हेतु,
उनके ही हाथों मान-मर्यादा तार-तार हो गयी
अब तक तो चले थे बस जूते, चप्पल, कुर्सियाँ,
अब ऐसे-ऐसे कारनामों का भी शिकार हो गयी
देखते पाए गए मंत्री, विधानभवन में पोर्न क्लिप,
कर्नाटक विधानसभा भी आज शर्मसार हो गयी
-विभोर गुप्ता 

Tuesday, February 7, 2012

यूपी में चुनावी जंग देखिये-

दैनिक जागरण समूह के i-next में प्रकाशित मेरी एक कविता।  
up mein chunavi jang dekhiye




Thursday, February 2, 2012

यूपी के चुनावी दौर-


आजकल यूपी के चुनावी दौर में सभी पार्टियां अपनी उपलब्धियां गिना रही है और दूसरी पार्टियों पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है| वहीँ से एक व्यंग्यात्मक रुपी छंद-


भाजपाई बोले जब भी आती है कांग्रेस,
...................देश-प्रदेश में तब तब बढती महंगाई है
कांग्रेसी बोलते है, ये तो कुछ भी नही,
..............भाजपा ने तो राज में अपने मस्जिद ढहाई है
मुलायम बोले मैं जनता का दर्द समझता हूँ,
.............शहर- गाँव-गलियों में मैंने साइकिल चलायी है
और मैंने पूछा बहन जी आपने है क्या किया?
..............बोली, यूपी के चौराहों पर मूर्तियाँ बनाई है.........विभोर गुप्ता